राजस्थान में जैन स्थापत्य शैली
- इनमें अधिकांश इमारतें पक्की जमीन पर बनाई जाती थी|
- उनकी बुनियादी गहराई रखी जाती थी|
- इमारतों की कुर्सी ऊंची रखी जाती थी|
- भवनों में तहखाने भी बनाए जाते थे|
- स्तंभ, स्तूप तथा कटी हुई जालियों का प्रयोग किया जाता था|
- छज्जे और ताक भी बनाए जाते थे|
- आंगन कम होते थे और कमरों में रोशनदान नहीं रखे जाते थे|
- भवनों के छत सपाटदार होती थी दरवाजे सीधे परंतु सुंदर ढंग से बनाए जाते थे दरवाजों के निर्माण में दोहोरी चौखट का प्रयोग किया जाता था
- इमारत पत्थर से बनाई जाती थी
- पत्थर में सुंदरता लाने के लिए संगतराशि की जाती थी
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